Need help for Kosi River Flood problem
Discussion in "New Ideas regarding projects" started by Ûž TPS Ûž Sep 2, 2008.
Tue Sep 02 2008, 03:46 pm
[font=Verdana]Dear friends
As we all know that Bihar is facing Kosi River Flood problem. Can't we do something for humanity ?
I call smart solutions from all the technocrats to face this disaster
(1) Smart Design for Life jacket (it must be economic and easy -fast to construct)
(2) Water Purification system -Coz Drinking water is a big challenge there
(3)Rescue Boats - it must be economic and easy -fast to construct
and many more suggestions Invited
please mail me [email protected]
[/font]
We don't Need Money We need only smat foolproof Designs
http://www.gisdevelopment.net/application/geology/geomorphology/geom0002pf.htm
As we all know that Bihar is facing Kosi River Flood problem. Can't we do something for humanity ?
I call smart solutions from all the technocrats to face this disaster
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(3)Rescue Boats - it must be economic and easy -fast to construct
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We don't Need Money We need only smat foolproof Designs
http://www.gisdevelopment.net/application/geology/geomorphology/geom0002pf.htm
[ Edited Tue Sep 02 2008, 03:47 pm ]
Wed Sep 03 2008, 03:07 am
कोसी के कहर से कराह रहे बिहार की आà¤à¤–ें बेबसी के आà¤à¤¸à¥‚ रोते-रोते अब पथरा गई हैं। जिंदगी बेहाल है और सूबा बदहाल। पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ का बाà¤à¤§ टूटने और रविवार को नेपाल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोसी नदी में दो लाख कà¥à¤¯à¥‚सेक पानी छोड़ने से बाढ़ का खतरा दोबारा बढ़ गया है। हालाà¤à¤•à¤¿ कà¥à¤¦à¤°à¤¤ के कोप से बिहार को बचाने के लिठमदद के कई हाथ उठे हैं, लेकिन फिलवकà¥à¤¤ तमाम कोशिशें इस तबाही के सामने बौनी साबित हो रही हैं।
बिहार में 14 दिनों से कोसी नदी की पà¥à¤°à¤²à¤‚यकारी बाॠमें से अब तक 4 लाख 67 हजार लोगों को बचाया जा सका है। राजà¥à¤¯ के आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सचिव आरके सिंह ने रविवार को बताया कि बाॠसे सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ इलाकों में बचाव à¤à¤µà¤‚ राहत कारà¥à¤¯ यà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥à¤¤à¤° पर चलाठजा रहे हैं। सिंह ने कहा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ इलाकों में सेना के पहले 4 हेलिकॉपà¥à¤Ÿà¤° राहत कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ थे, लेकिन आज दो और हेलिकॉपà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥‡à¤œ दिठगठहैं। इसके अलावा बाà¥à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ इलाकों में सेना के 11 कॉलम, जलसेना की तीन टीम, नेशनल डिजासà¥à¤Ÿà¤° रिसपांस फोरà¥à¤¸ (à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤†à¤°à¤à¤«), सशसà¥à¤¤à¥à¤° सीमा बल (à¤à¤¸à¤à¤¸à¤¬à¥€) के जवान यà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥à¤¤à¤° पर राहत à¤à¤µà¤‚ बचाव कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं।
बाढ़ से अब तक नौका दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ घटनाओं में मधेपà¥à¤°à¤¾ में 54, सà¥à¤ªà¥Œà¤² में 18, à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤° में 7, पशà¥à¤šà¤¿à¤® चंपारण के बगहा में तथा 4, पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ और समसà¥à¤¤à¥€à¤ªà¥à¤° में 3-3 लोगों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है। बाॠसे अब तक 93 लोगों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है, वहीं बीस लाख से अधिक की आबादी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है।
पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जानकारी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• महानंदा, कनà¥à¤•à¤ˆ, दास और पनार समेत कई अनà¥à¤¯ नदियों के जलसà¥à¤¤à¤° में वृदà¥à¤§à¤¿ के कारण अमौर, वैसा, बायरती और उगरूआ पà¥à¤°à¤–ंड के करीब 50 गाà¤à¤µ में बाॠका पानी à¤à¤° गया है। नेपाल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोसी नदी में करीब दो लाख कà¥à¤¯à¥‚सेक पानी छोड़े जाने से नदियों में उफान के कारण बनमनखी à¤à¤µà¤‚ धमदाहा अनà¥à¤®à¤‚डल में à¤à¤• से à¥à¤¾à¤ˆ फीट तक बाॠका पानी बह रहा है, जिसके कारण लोग शहर तथा अनà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पलायन कर रहे हैं।
जिलाधिकारी शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° सी. ने बताया पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ शहर और मधेपà¥à¤°à¤¾ की सीमा से लगे बनमनखी, रूपौली, à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤ªà¥à¤°, बड़हरा à¤à¤µà¤‚ धमदाहा पà¥à¤°à¤–ंडों में बाॠपीड़ितों ने सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर शरण ले रखी है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ शहर मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ समेत कई अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शिविर के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठसà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का चयन किया गया है। अनà¥à¤œà¤¨à¤—र व बिलौरी में पहले से ही राहत शिविर चलाठजा रहे हैं।
बगहा से मिली खबरों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नेपाल में गंडक के जलगà¥à¤°à¤¹à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में जारी बारिश के कारण वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿à¤¨à¤—र गंडक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रविवार को गंडक नदी में करीब दो लाख कà¥à¤¯à¥‚सेक पानी छोड़े जाने से पशà¥à¤šà¤¿à¤® चंपारण जिले के गंडक दियारा के ठकराहा, à¤à¥€à¤¤à¤¹à¤¾, मधà¥à¤¬à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ पिपरासी पà¥à¤°à¤–ंडों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में यथावत बनी हà¥à¤ˆ है।
आधिकारिक सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने बताया चारों पà¥à¤°à¤–ंडों के जल संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में बसे 80 से अधिक गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ की दो लाख की आबादी बाॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है। इन पà¥à¤°à¤–ंडों का सड़क संपरà¥à¤• जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बेतिया à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤®à¤‚डल मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बगहा से टूटा हà¥à¤† है। बाà¥à¤—सà¥à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के लोग ऊà¤à¤šà¥‡ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शरण लिठहà¥à¤ हैं। इस बीच बगहा नगर के शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र, कैलाशनगर, शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र आदि तटवरà¥à¤¤à¥€ मोहलà¥à¤²à¥‹à¤‚ में गंडक का à¤à¤¾à¤°à¥€ दबाव बना हà¥à¤† है।
अररिया से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोसी नदी के जलसà¥à¤¤à¤° में उफान के जिले के à¤à¤°à¤—मा, नरपतगंज, रानीगंज और फारबिसगंज पà¥à¤°à¤–ंड के 42 पंचायत की करीब 70 गाà¤à¤µ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं, वहीं बाॠका पानी फारबिसगंज पà¥à¤°à¤–ंड कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ रेफरल असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² समेत कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सड़कों पर à¤à¤• से चार फीट तक पानी बह रहा है। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ सेना के जवान à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवी संगठनों की सहायता से अब तक 9 हजार 592 लोगों को बाà¥à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ इलाकों से निकाल कर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ गया है।
रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जिले में सेना के हेलीकॉपà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ की सहायता से पीड़ितों के बीच आठहजार से अधिक खाने के पैकेट गिराठगठहैं।
PTI
नरपतगंज, फारबिसगंज, à¤à¤°à¤—ामा और रानीगंज में 45 राहत शिविर चलाठजा रहे है, जहाठलोगों को à¤à¥‹à¤œà¤¨, दवा समेत अनà¥à¤¯ जरूरी वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ उपलबà¥à¤§ कराई जा रही हैं। इसके अलावा जिले में कà¥à¤› 19 चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर चलाठजा रहे हैं, जिसमें 32 चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ को तैनात किया गया है।
मधेपà¥à¤°à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ समाचार के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोसी नदी में उफान के कारण जिले के कà¥à¤®à¤¾à¤°à¤–ंड, शंकरपà¥à¤°, मà¥à¤°à¤²à¥€à¤—ंज, उदाकिशनगंज, मधेपà¥à¤°à¤¾ सदर, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤ªà¤¾à¥œà¤¾, बिहारीगंज, चौसा, आलमनगर, उरैनी और सिहेंशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤–ंड की लगà¤à¤— 15 लाख से अधिक की आबादी बाॠसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है। जिलाधिकारी à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• आवास समेत कई मà¥à¤–à¥à¤¯ मारà¥à¤—ों पर बाॠका पानी बह रहा है।
मधेपà¥à¤°à¤¾ जिले की करीब 90 फीसदी आबादी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की ओर पलायन कर गई है। शहर के सà¤à¥€ सरकारी कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ बंद हैं।
सà¥à¤ªà¥Œà¤² जिले के नौ पà¥à¤°à¤–ंडों में पà¥à¤°à¤²à¤‚यकारी बाॠका कहर जारी है। जिले के पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—ंज, वसंतपà¥à¤°, छातापà¥à¤°, तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥€à¤—ंज, राघोपà¥à¤°, निरà¥à¤®à¤²à¥€, मरौना सरायगॠऔर किशनपà¥à¤° पà¥à¤°à¤–ंड के 91 पंचायतों के करीब 325 गाà¤à¤µ की दस लाख से अधिक की आबादी बाॠकी चपेट में है।
जिलाधिकारी à¤à¤¨. सरवन कà¥à¤®à¤¾à¤° ने बताया बाà¥à¤—सà¥à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में फà¤à¤¸à¥‡ करीब 60 हजार लोगों को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया इस समय जिले में 38 राहत शिविर और 26 चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर चलाठजा रहे हैं।
मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° इलाके में बागमती और लखनदेही नदी के जलसà¥à¤¤à¤° में लगातार हो रही वृदà¥à¤§à¤¿ के कारण जिले के औराई, कटरा, गायघाट मीणापà¥à¤° और हथौड़ी पà¥à¤°à¤–ंडों के करीब 300 गाà¤à¤µ बाॠकी चपेट में है। जिले के औराई और कटरा पà¥à¤°à¤–ंड की सà¤à¥€ सड़कों पर पानी आ गया है। इससे लोगों को काफी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‡à¤‚ पेश आ रही हैं। जिले में बाॠसे करीब तीन लाख लोग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं।
मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° के जिलाधिकारी विनय कà¥à¤®à¤¾à¤° ने बताया अà¤à¥€ तक जान माल के नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ की कोई सूचना नहीं है। जिला खादà¥à¤¯ आपूरà¥à¤¤à¤¿ पदाधिकारी को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया गया है।
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ जल आयोग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राजà¥à¤¯ की सात पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नदियाठगंगा, घाघरा, बूà¥à¥€ गंडक, बागमती, कमलाबालान, महानंदा और कोसी खतरे के निशान से ऊपर हैं। गंगा पटना के गाà¤à¤§à¥€ घाट में 38, हाथीदह में 37, कहलगाà¤à¤µ में 61, साहेबगंज में 108 और फरकà¥à¤•à¤¾ में 130, घाघरा गंगपà¥à¤° सिसवन में 41, बूà¥à¥€ गंडक खगड़िया में 86, बागमती बेनीबाद में 45, कोसी कà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤²à¤¾ में 97, कमलाबालान à¤à¤‚à¤à¤¾à¤°à¤ªà¥à¤° में 01, तथआ महानंदा à¥à¥‡à¤—राघाट और à¤à¤¾à¤µà¤¾ में कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ 74 और 63 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है।
बिहार में 14 दिनों से कोसी नदी की पà¥à¤°à¤²à¤‚यकारी बाॠमें से अब तक 4 लाख 67 हजार लोगों को बचाया जा सका है। राजà¥à¤¯ के आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सचिव आरके सिंह ने रविवार को बताया कि बाॠसे सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ इलाकों में बचाव à¤à¤µà¤‚ राहत कारà¥à¤¯ यà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥à¤¤à¤° पर चलाठजा रहे हैं। सिंह ने कहा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ इलाकों में सेना के पहले 4 हेलिकॉपà¥à¤Ÿà¤° राहत कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ थे, लेकिन आज दो और हेलिकॉपà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥‡à¤œ दिठगठहैं। इसके अलावा बाà¥à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ इलाकों में सेना के 11 कॉलम, जलसेना की तीन टीम, नेशनल डिजासà¥à¤Ÿà¤° रिसपांस फोरà¥à¤¸ (à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤†à¤°à¤à¤«), सशसà¥à¤¤à¥à¤° सीमा बल (à¤à¤¸à¤à¤¸à¤¬à¥€) के जवान यà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥à¤¤à¤° पर राहत à¤à¤µà¤‚ बचाव कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं।
बाढ़ से अब तक नौका दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ घटनाओं में मधेपà¥à¤°à¤¾ में 54, सà¥à¤ªà¥Œà¤² में 18, à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤° में 7, पशà¥à¤šà¤¿à¤® चंपारण के बगहा में तथा 4, पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ और समसà¥à¤¤à¥€à¤ªà¥à¤° में 3-3 लोगों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है। बाॠसे अब तक 93 लोगों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है, वहीं बीस लाख से अधिक की आबादी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है।
पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जानकारी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• महानंदा, कनà¥à¤•à¤ˆ, दास और पनार समेत कई अनà¥à¤¯ नदियों के जलसà¥à¤¤à¤° में वृदà¥à¤§à¤¿ के कारण अमौर, वैसा, बायरती और उगरूआ पà¥à¤°à¤–ंड के करीब 50 गाà¤à¤µ में बाॠका पानी à¤à¤° गया है। नेपाल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोसी नदी में करीब दो लाख कà¥à¤¯à¥‚सेक पानी छोड़े जाने से नदियों में उफान के कारण बनमनखी à¤à¤µà¤‚ धमदाहा अनà¥à¤®à¤‚डल में à¤à¤• से à¥à¤¾à¤ˆ फीट तक बाॠका पानी बह रहा है, जिसके कारण लोग शहर तथा अनà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पलायन कर रहे हैं।
जिलाधिकारी शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° सी. ने बताया पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ शहर और मधेपà¥à¤°à¤¾ की सीमा से लगे बनमनखी, रूपौली, à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤ªà¥à¤°, बड़हरा à¤à¤µà¤‚ धमदाहा पà¥à¤°à¤–ंडों में बाॠपीड़ितों ने सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर शरण ले रखी है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ शहर मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ समेत कई अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शिविर के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठसà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का चयन किया गया है। अनà¥à¤œà¤¨à¤—र व बिलौरी में पहले से ही राहत शिविर चलाठजा रहे हैं।
बगहा से मिली खबरों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नेपाल में गंडक के जलगà¥à¤°à¤¹à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में जारी बारिश के कारण वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿à¤¨à¤—र गंडक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रविवार को गंडक नदी में करीब दो लाख कà¥à¤¯à¥‚सेक पानी छोड़े जाने से पशà¥à¤šà¤¿à¤® चंपारण जिले के गंडक दियारा के ठकराहा, à¤à¥€à¤¤à¤¹à¤¾, मधà¥à¤¬à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ पिपरासी पà¥à¤°à¤–ंडों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में यथावत बनी हà¥à¤ˆ है।
आधिकारिक सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने बताया चारों पà¥à¤°à¤–ंडों के जल संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में बसे 80 से अधिक गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ की दो लाख की आबादी बाॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है। इन पà¥à¤°à¤–ंडों का सड़क संपरà¥à¤• जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बेतिया à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤®à¤‚डल मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बगहा से टूटा हà¥à¤† है। बाà¥à¤—सà¥à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के लोग ऊà¤à¤šà¥‡ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शरण लिठहà¥à¤ हैं। इस बीच बगहा नगर के शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र, कैलाशनगर, शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र आदि तटवरà¥à¤¤à¥€ मोहलà¥à¤²à¥‹à¤‚ में गंडक का à¤à¤¾à¤°à¥€ दबाव बना हà¥à¤† है।
अररिया से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोसी नदी के जलसà¥à¤¤à¤° में उफान के जिले के à¤à¤°à¤—मा, नरपतगंज, रानीगंज और फारबिसगंज पà¥à¤°à¤–ंड के 42 पंचायत की करीब 70 गाà¤à¤µ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं, वहीं बाॠका पानी फारबिसगंज पà¥à¤°à¤–ंड कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ रेफरल असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² समेत कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सड़कों पर à¤à¤• से चार फीट तक पानी बह रहा है। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ सेना के जवान à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवी संगठनों की सहायता से अब तक 9 हजार 592 लोगों को बाà¥à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ इलाकों से निकाल कर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ गया है।
रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जिले में सेना के हेलीकॉपà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ की सहायता से पीड़ितों के बीच आठहजार से अधिक खाने के पैकेट गिराठगठहैं।
PTI
नरपतगंज, फारबिसगंज, à¤à¤°à¤—ामा और रानीगंज में 45 राहत शिविर चलाठजा रहे है, जहाठलोगों को à¤à¥‹à¤œà¤¨, दवा समेत अनà¥à¤¯ जरूरी वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ उपलबà¥à¤§ कराई जा रही हैं। इसके अलावा जिले में कà¥à¤› 19 चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर चलाठजा रहे हैं, जिसमें 32 चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ को तैनात किया गया है।
मधेपà¥à¤°à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ समाचार के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोसी नदी में उफान के कारण जिले के कà¥à¤®à¤¾à¤°à¤–ंड, शंकरपà¥à¤°, मà¥à¤°à¤²à¥€à¤—ंज, उदाकिशनगंज, मधेपà¥à¤°à¤¾ सदर, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤ªà¤¾à¥œà¤¾, बिहारीगंज, चौसा, आलमनगर, उरैनी और सिहेंशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤–ंड की लगà¤à¤— 15 लाख से अधिक की आबादी बाॠसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है। जिलाधिकारी à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• आवास समेत कई मà¥à¤–à¥à¤¯ मारà¥à¤—ों पर बाॠका पानी बह रहा है।
मधेपà¥à¤°à¤¾ जिले की करीब 90 फीसदी आबादी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की ओर पलायन कर गई है। शहर के सà¤à¥€ सरकारी कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ बंद हैं।
सà¥à¤ªà¥Œà¤² जिले के नौ पà¥à¤°à¤–ंडों में पà¥à¤°à¤²à¤‚यकारी बाॠका कहर जारी है। जिले के पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—ंज, वसंतपà¥à¤°, छातापà¥à¤°, तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥€à¤—ंज, राघोपà¥à¤°, निरà¥à¤®à¤²à¥€, मरौना सरायगॠऔर किशनपà¥à¤° पà¥à¤°à¤–ंड के 91 पंचायतों के करीब 325 गाà¤à¤µ की दस लाख से अधिक की आबादी बाॠकी चपेट में है।
जिलाधिकारी à¤à¤¨. सरवन कà¥à¤®à¤¾à¤° ने बताया बाà¥à¤—सà¥à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में फà¤à¤¸à¥‡ करीब 60 हजार लोगों को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया इस समय जिले में 38 राहत शिविर और 26 चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर चलाठजा रहे हैं।
मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° इलाके में बागमती और लखनदेही नदी के जलसà¥à¤¤à¤° में लगातार हो रही वृदà¥à¤§à¤¿ के कारण जिले के औराई, कटरा, गायघाट मीणापà¥à¤° और हथौड़ी पà¥à¤°à¤–ंडों के करीब 300 गाà¤à¤µ बाॠकी चपेट में है। जिले के औराई और कटरा पà¥à¤°à¤–ंड की सà¤à¥€ सड़कों पर पानी आ गया है। इससे लोगों को काफी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‡à¤‚ पेश आ रही हैं। जिले में बाॠसे करीब तीन लाख लोग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं।
मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° के जिलाधिकारी विनय कà¥à¤®à¤¾à¤° ने बताया अà¤à¥€ तक जान माल के नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ की कोई सूचना नहीं है। जिला खादà¥à¤¯ आपूरà¥à¤¤à¤¿ पदाधिकारी को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया गया है।
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ जल आयोग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राजà¥à¤¯ की सात पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नदियाठगंगा, घाघरा, बूà¥à¥€ गंडक, बागमती, कमलाबालान, महानंदा और कोसी खतरे के निशान से ऊपर हैं। गंगा पटना के गाà¤à¤§à¥€ घाट में 38, हाथीदह में 37, कहलगाà¤à¤µ में 61, साहेबगंज में 108 और फरकà¥à¤•à¤¾ में 130, घाघरा गंगपà¥à¤° सिसवन में 41, बूà¥à¥€ गंडक खगड़िया में 86, बागमती बेनीबाद में 45, कोसी कà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤²à¤¾ में 97, कमलाबालान à¤à¤‚à¤à¤¾à¤°à¤ªà¥à¤° में 01, तथआ महानंदा à¥à¥‡à¤—राघाट और à¤à¤¾à¤µà¤¾ में कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ 74 और 63 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है।
Wed Sep 03 2008, 03:14 am
बाढ़ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ लोग राहत शिविरों की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से नाराज हैं बाढ़ की मार à¤à¥‡à¤² रहे बिहार की हालत दिन-ब-दिन और बदतर होती जा रही है। राहत के लिठराजà¥à¤¯ सरकार के बड़े वादे हैं और केंदà¥à¤° की बड़ी घोषणाà¤à¤ पर जमीनी सच की टोह लीजिठतो तसà¥à¤µà¥€à¤° बहà¥à¤¤ गंदी, अà¤à¤¾à¤µà¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ और तकलीफदेह नजर आती है।
सहरसा और पटना के बीच मà¥à¤–à¥à¤¯ संपरà¥à¤• मारà¥à¤— जो कोसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के जिâ€à¤²à¥‹à¤‚ को पटना से जोड़ता है, वो कà¤à¥€ à¤à¥€ टूट सकता है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— à¤à¤¨à¤à¤š 107 पर लगातार पानी à¤à¤° रहा है। कà¥à¤› जगहों पर हमने पाया कि पानी दो फीट तक चढ़ गया है। अगर पानी à¤à¤¸à¥‡ ही जमा होता रहा तो सड़क के रासà¥à¤¤à¥‡ सहरसा से संपरà¥à¤• पूरी तरह से टूट जाà¤à¤—ा।
कई राहतकरà¥à¤®à¥€, मीडियाकरà¥à¤®à¥€ इस चिंता में हैं कि सहरसा का रासà¥à¤¤à¤¾ बंद हà¥à¤† तो वे वापस कैसे लौटेंगे और राहतकारà¥à¤¯ कैसे जारी रह सकेगा। अगर पानी राजमारà¥à¤— पर à¤à¤¸à¥‡ ही बढ़ता रहा तो राहतकरà¥à¤®à¥€ और मीडियाकरà¥à¤®à¥€ सहरसा से निकलने के लिठमजबूर हो जाà¤à¤à¤—े।
लेकिन असल चिंता यह है कि राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर, अगर राहतकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में तेजी नहीं दिखाई गई और राहत का सà¥à¤¤à¤° नहीं सà¥à¤§à¤°à¤¾ तो बिहार महामारी की चपेट में आ जाà¤à¤—ा और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर हो जाà¤à¤à¤—ी।
राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ : सोमवार को सà¥à¤¬à¤¹ से ही मैं सहरसा कॉलेज में मौजूद था। यहाठयह सोचकर गया कि गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इलाकों में लगे राहत शिविरों की दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से यहाठतसà¥à¤µà¥€à¤° कà¥à¤› बेहतर होगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह तो जिâ€à¤²à¥‡ का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ है।
असल चिंता है राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर, अगर राहतकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में तेजी नहीं दिखाई गई और राहत का सà¥à¤¤à¤° नहीं सà¥à¤§à¤°à¤¾ तो बिहार महामारी की चपेट में आ जाà¤à¤—ा और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर हो जाà¤à¤à¤—ी।
शिविर के अंदर का मंजर किसी à¤à¥€ तरह की राहत देता नज़र नहीं आ रहा था। लोगों को खराब गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ का खाना मिल रहा था। शिविर में 5 हजार लोग हैं और शिविर पिछले à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से चल रहा है, पर दवाà¤à¤ आज पहà¥à¤à¤š पाई हैं, जो दवा पहà¥à¤à¤šà¥€ हैं वो 500 लोगों को à¤à¤•à¤¬à¤¾à¤° खिलाने à¤à¤° की हैं। इसमें à¤à¥€ पानी से होने वाली बीमारियों की कोई दवा नहीं है, जबकि सबसे जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ संकà¥à¤°à¤®à¤£ पानी की वजह से ही फैल रहा है।
यहाठतक कि शिविर तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ वाले कई लोग घायल हैं। पानी में कà¥à¤› के पैर सड़ गठहैं और कà¥à¤› के फफोले पड़े हैं, लेकिन किसी को डिटॉल तक शिविर में नसीब नहीं है।
BBC BBC
शिविर में 3 चिकितà¥à¤¸à¤• थे, लेकिन कोई नहीं बता सका कि दवाओं की आपूरà¥à¤¤à¤¿ और कमी के लिठजिâ€à¤®à¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° कौन है यह à¤à¥€ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं हà¥à¤† कि दवा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ विधायक की कृपा से आई या पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की ओर से।
राहत कम, पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ : सबसे तकलीफदेह तो यह है कि राहत देने वाले कई संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, महकमे राहत से जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पर जोर दे रहे हैं। लोगों को राहत शिविरों में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दवाà¤à¤, रौशनी और शौचालय जैसी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ कम ही मिल जा रही हैं।
विà¤à¤¾à¤—ों और लोगों की ओर से शिविर तो लग रहे हैं लेकिन शिविर से पहले ऑरà¥à¤¡à¤° होते हैं बैनर और बिना बैनर के, यानी बिना पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के राहत पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ वाले हाथ कम हैं।
à¤à¤¸à¤¾ ही à¤à¤• उदाहरण शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— की ओर से मिला। विà¤à¤¾à¤— की जीप और दसà¥à¤¤à¤¾ लोगों के बीच जाने को तैयार था, लेकिन जा नहीं रहा था, कारण पूछा तो पता चला कि जीप के सामने बाà¤à¤§à¤¾ जाने वाला साइनबोरà¥à¤¡ तैयार नहीं है, यानी पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° न हà¥à¤† तो राहत, मदद का कà¥à¤¯à¤¾ मतलब।
पॉलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• में चल रहे राहत शिविर का शौंचालय इसलिठचालू नहीं हो सका, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसका बैनर तैयार नहीं हो पाया था। इन बैनरों पर à¤à¤• ही बात लिखी होती है- अमà¥à¤• राहत अमà¥à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या संसà¥à¤¥à¤¾ के सौजनà¥à¤¯ से दी जा रही है।
राजा चौपट, अंधेरे में नगरी : राहत के लिठसहरसा मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में क़रीब 10-12 शिविर लगाठगठहैं। यहाठसबसे बदतर हालत है, शौचालय और बिजली आपूरà¥à¤¤à¤¿ की। शिविर अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में डूबे हैं और गंदगी बढ़ती जा रही है।
केवल पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ के जिलाधिकारी को ही लोगों ने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में दौरा करते देखा है। बाकी सहरसा, सà¥à¤ªà¥Œà¤², और मधेपà¥à¤°à¤¾ के जिलाधिकारी à¤à¤¯à¤°à¤•à¤‚डीशंड कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में ही बैठे हैं। वहीं से जायजा ले रहे हैं।
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इलाकों के राहत शिविरों की हालत तो बहà¥à¤¤ ही दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• है। वहाठराहत के नाम पर कà¥à¤› नहीं जैसी ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। लोग अपने आप के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ जीने को मजबूर हैं। à¤à¤• दिकà¥à¤•à¤¤ और है, सैकड़ों की तादाद में नावें राहत के लिठअलग-अलग जगहों से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ जिलों के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में पहà¥à¤à¤š रही हैं। इसमें से 10-15 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ नाव तो पानी में उतारते ही खराब साबित हो जा रही हैं।
लेकिन कई नावें जिâ€à¤²à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में ही पड़ी रह जा रही हैं। कारण यह है कि राजà¥à¤¯ सरकार इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के लिठकिसी à¤à¥€ नाव को à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ से पहले उस पर रंग-रोगन कराती हैं और राजà¥à¤¯ सरकार की मोहर लगवाती हैं।
इन मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से मोहर लगवाने के इंतजार में नाव कई दिन इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से बाहर रहती हैं। à¤à¤¸à¥‡ में अहम सवाल है, राजनीति और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के बिना कà¥à¤¯à¤¾ राहत नहीं पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤ˆ जा सकती है। सवाल कई हैं, देखते है, जवाब कितने निकल पाते हैं।
सहरसा और पटना के बीच मà¥à¤–à¥à¤¯ संपरà¥à¤• मारà¥à¤— जो कोसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के जिâ€à¤²à¥‹à¤‚ को पटना से जोड़ता है, वो कà¤à¥€ à¤à¥€ टूट सकता है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— à¤à¤¨à¤à¤š 107 पर लगातार पानी à¤à¤° रहा है। कà¥à¤› जगहों पर हमने पाया कि पानी दो फीट तक चढ़ गया है। अगर पानी à¤à¤¸à¥‡ ही जमा होता रहा तो सड़क के रासà¥à¤¤à¥‡ सहरसा से संपरà¥à¤• पूरी तरह से टूट जाà¤à¤—ा।
कई राहतकरà¥à¤®à¥€, मीडियाकरà¥à¤®à¥€ इस चिंता में हैं कि सहरसा का रासà¥à¤¤à¤¾ बंद हà¥à¤† तो वे वापस कैसे लौटेंगे और राहतकारà¥à¤¯ कैसे जारी रह सकेगा। अगर पानी राजमारà¥à¤— पर à¤à¤¸à¥‡ ही बढ़ता रहा तो राहतकरà¥à¤®à¥€ और मीडियाकरà¥à¤®à¥€ सहरसा से निकलने के लिठमजबूर हो जाà¤à¤à¤—े।
लेकिन असल चिंता यह है कि राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर, अगर राहतकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में तेजी नहीं दिखाई गई और राहत का सà¥à¤¤à¤° नहीं सà¥à¤§à¤°à¤¾ तो बिहार महामारी की चपेट में आ जाà¤à¤—ा और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर हो जाà¤à¤à¤—ी।
राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ : सोमवार को सà¥à¤¬à¤¹ से ही मैं सहरसा कॉलेज में मौजूद था। यहाठयह सोचकर गया कि गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इलाकों में लगे राहत शिविरों की दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से यहाठतसà¥à¤µà¥€à¤° कà¥à¤› बेहतर होगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह तो जिâ€à¤²à¥‡ का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ है।
असल चिंता है राहत शिविरों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर, अगर राहतकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में तेजी नहीं दिखाई गई और राहत का सà¥à¤¤à¤° नहीं सà¥à¤§à¤°à¤¾ तो बिहार महामारी की चपेट में आ जाà¤à¤—ा और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर हो जाà¤à¤à¤—ी।
शिविर के अंदर का मंजर किसी à¤à¥€ तरह की राहत देता नज़र नहीं आ रहा था। लोगों को खराब गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ का खाना मिल रहा था। शिविर में 5 हजार लोग हैं और शिविर पिछले à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से चल रहा है, पर दवाà¤à¤ आज पहà¥à¤à¤š पाई हैं, जो दवा पहà¥à¤à¤šà¥€ हैं वो 500 लोगों को à¤à¤•à¤¬à¤¾à¤° खिलाने à¤à¤° की हैं। इसमें à¤à¥€ पानी से होने वाली बीमारियों की कोई दवा नहीं है, जबकि सबसे जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ संकà¥à¤°à¤®à¤£ पानी की वजह से ही फैल रहा है।
यहाठतक कि शिविर तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ वाले कई लोग घायल हैं। पानी में कà¥à¤› के पैर सड़ गठहैं और कà¥à¤› के फफोले पड़े हैं, लेकिन किसी को डिटॉल तक शिविर में नसीब नहीं है।
BBC BBC
शिविर में 3 चिकितà¥à¤¸à¤• थे, लेकिन कोई नहीं बता सका कि दवाओं की आपूरà¥à¤¤à¤¿ और कमी के लिठजिâ€à¤®à¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° कौन है यह à¤à¥€ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं हà¥à¤† कि दवा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ विधायक की कृपा से आई या पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की ओर से।
राहत कम, पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ : सबसे तकलीफदेह तो यह है कि राहत देने वाले कई संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, महकमे राहत से जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पर जोर दे रहे हैं। लोगों को राहत शिविरों में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दवाà¤à¤, रौशनी और शौचालय जैसी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ कम ही मिल जा रही हैं।
विà¤à¤¾à¤—ों और लोगों की ओर से शिविर तो लग रहे हैं लेकिन शिविर से पहले ऑरà¥à¤¡à¤° होते हैं बैनर और बिना बैनर के, यानी बिना पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के राहत पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ वाले हाथ कम हैं।
à¤à¤¸à¤¾ ही à¤à¤• उदाहरण शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— की ओर से मिला। विà¤à¤¾à¤— की जीप और दसà¥à¤¤à¤¾ लोगों के बीच जाने को तैयार था, लेकिन जा नहीं रहा था, कारण पूछा तो पता चला कि जीप के सामने बाà¤à¤§à¤¾ जाने वाला साइनबोरà¥à¤¡ तैयार नहीं है, यानी पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° न हà¥à¤† तो राहत, मदद का कà¥à¤¯à¤¾ मतलब।
पॉलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• में चल रहे राहत शिविर का शौंचालय इसलिठचालू नहीं हो सका, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसका बैनर तैयार नहीं हो पाया था। इन बैनरों पर à¤à¤• ही बात लिखी होती है- अमà¥à¤• राहत अमà¥à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या संसà¥à¤¥à¤¾ के सौजनà¥à¤¯ से दी जा रही है।
राजा चौपट, अंधेरे में नगरी : राहत के लिठसहरसा मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में क़रीब 10-12 शिविर लगाठगठहैं। यहाठसबसे बदतर हालत है, शौचालय और बिजली आपूरà¥à¤¤à¤¿ की। शिविर अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में डूबे हैं और गंदगी बढ़ती जा रही है।
केवल पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ के जिलाधिकारी को ही लोगों ने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में दौरा करते देखा है। बाकी सहरसा, सà¥à¤ªà¥Œà¤², और मधेपà¥à¤°à¤¾ के जिलाधिकारी à¤à¤¯à¤°à¤•à¤‚डीशंड कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में ही बैठे हैं। वहीं से जायजा ले रहे हैं।
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इलाकों के राहत शिविरों की हालत तो बहà¥à¤¤ ही दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• है। वहाठराहत के नाम पर कà¥à¤› नहीं जैसी ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। लोग अपने आप के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ जीने को मजबूर हैं। à¤à¤• दिकà¥à¤•à¤¤ और है, सैकड़ों की तादाद में नावें राहत के लिठअलग-अलग जगहों से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ जिलों के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में पहà¥à¤à¤š रही हैं। इसमें से 10-15 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ नाव तो पानी में उतारते ही खराब साबित हो जा रही हैं।
लेकिन कई नावें जिâ€à¤²à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में ही पड़ी रह जा रही हैं। कारण यह है कि राजà¥à¤¯ सरकार इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के लिठकिसी à¤à¥€ नाव को à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ से पहले उस पर रंग-रोगन कराती हैं और राजà¥à¤¯ सरकार की मोहर लगवाती हैं।
इन मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से मोहर लगवाने के इंतजार में नाव कई दिन इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से बाहर रहती हैं। à¤à¤¸à¥‡ में अहम सवाल है, राजनीति और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के बिना कà¥à¤¯à¤¾ राहत नहीं पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤ˆ जा सकती है। सवाल कई हैं, देखते है, जवाब कितने निकल पाते हैं।
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