Discussion in "Chill out!" started by    Ûž TPS Ûž    Aug 7, 2008.
Thu Aug 07 2008, 01:08 am
#1
हम सभी को रोजाना ही अपने कंप्यूटर से यह शिकायत रहती है कि यह स्लो हो गया है। इसके लिए हम अक्सर इंटरनेट कनेक्शन को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन सामान्य तौर पर इसकी वजह कुछ और ही होती है। दरअसल, कंप्यूटर को कई बार फ्रैंग्मेंटेशन का रोग लग जाता है। इन दिनों कई कंपनियां ऐसे सॉफ्टवेयर बेच रही हैं, जिनसे इस समस्या का समाधान हो जाता है। रैक्सको, डिस्कीपर, ओएंडओ सॉफ्टवेयर और सिमेंटेक जैसी कंपनियों के डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर बाजार में मौजूद हैं।

क्या है फ्रैग्मेंटेशन

कंप्यूटर पर हमें डेटा में जरूरत के मुताबिक हेर-फेर करना पड़ता है। ऐसे में हम अपने डेटा फाइल को खोलकर उसमें बदलाव कर लेते हैं और फिर उसे सेव कर देते हैं। हम जो भी फाइल स्टोर करते हैं वह हार्ड डिस्क पर सेव होती रहती है। फाइल में कोई भी चेंज करने पर उसका स्पेस बढ़ जाता है या फिर घट जाता है और वह पहले वाले स्पेस में फिट नहीं हो पाता है। अगर फाइल पहले वाली फाइल के मुकाबले छोटी है, तो बाकी बचा हिस्सा खाली रह जाता है और नई फाइल बनाते वक्त सीपीयू उसका यूज करता है।

ऐसे में उस फाइल का बचा हुआ हिस्सा फिर एक नई लोकेशन पर सेव होता है। वहीं, अगर फाइल का साइज पहले वाली फाइल के मुकाबले बड़ा है तो बाकी बचा हिस्सा दूसरी लोकेशन पर सेव होगा। इस प्रकार एक ही फाइल कई टुकड़ों में सेव होता है। इस पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटर की भाषा में फ्रैग्मेंटेशन कहते हैं। फ्रैग्मेंटेशन का अर्थ है टुकड़ों में बंटा होना।

क्या होता है असर

जब हम किसी भी फाइल को एक्सेस करते हैं तो कंप्यूटर के सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) को हर जगह से उस फाइल से संबंधित डेटा को जमा करना पड़ता है और इस तरह कंप्यूटर की स्पीड कम हो जाती है। ऐसे में हम यह मानने लगते हैं कि हमारा कंप्यूटर या तो पुराना हो गया है या फिर इंटरनेट कनेक्शन में समस्या है। लेकिन समस्या तो कुछ और ही होती है।

क्या है निजात का तरीका

इससे निजात पाने का एक ही तरीका है, वह है आपके हार्ड डिस्क को डिफ्रैग्मेंट करना यानी टुकड़ों में बांटें। यानी फाइल के हिस्सों को एकसाथ जोड़ना और फिर एक नई लोकेशन पर सेव करना। इसके लिए जानकार यह सलाह देते हैं कि आप अपने कंप्यूटर में डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। यह सॉफ्टवेयर हार्ड डिस्क पर टुकड़ों-टुकड़ों में बंटे फाइल को एक जगह जमा कर लेता है और इस तरह सीपीयू को फाइल एक्सेस करने में काफी आसानी होती है।

खुद करें डिफ्रैग्मेंटेशन

पीसी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसके लिए कोई अतिरिक्त सॉफ्टवेयर खरीदने की जरूरत नहीं है। यह उनके ऑपरेटिंग सिस्टम में इनबिल्ट होता है। इसके लिए सिर्फ माई कंप्यूटर पर क्लिक करने के बाद हार्ड डिस्क को सिलेक्ट करना होता है और फिर माउस के राइट क्लिक करने के बाद शेयरिंग एंड सिक्युरिटिज पर क्लिक करना होता है। इसके बाद टूल्स के ऑप्शन पर क्लिक करते ही डिफ्रैग्मेंटशन का ऑप्शन आ जाता है। आप जैसे ही इसे क्लिक करेंगे डिफ्रैग्मेंटशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें कुछ मिनटों का वक्त लगता है, लेकिन आप इसके साथ-साथ काम करते रह सकते हैं।

कंप्यूटर के जानकारों का कहना है कंप्यूटर को डिफ्रैग्मेंट करने से पहले आप कि इसके लिए जरूरी है कि आप क्लीन मैनेजर जरूर चला लें। इससे फायदा यह होगा कि आपके सभी टेंपररी फाइल्स डिलिट हो जाएंगे। बड़े कॉरपोरेट हाउस अपनी सुविधा के मुताबिक डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

घरेलू उपभोक्ताओं को हफ्ते में कम से कम एक बार और कॉरपोरेट हाउस में काम करने वालों को हफ्ते में कम से कम दो बार अपने कंप्यूटर का हार्ड डिस्क जरूर डिफ्रैग्मेंट करना चाहिए।


[ Edited Thu Aug 07 2008, 01:12 am ]

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Bobbyerilar
Thu Mar 28 2024, 08:08 am
pb58
Thu Mar 28 2024, 05:54 am
Clarazkafup
Thu Mar 28 2024, 02:24 am
Walterkic
Thu Mar 28 2024, 01:19 am
Davidusawn
Wed Mar 27 2024, 08:30 pm
Richardsop
Tue Mar 26 2024, 10:33 pm
Stevencog
Tue Mar 26 2024, 04:26 pm
Bernardwarge
Tue Mar 26 2024, 11:15 am